कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे। कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे।
सुबह-सुबह जल्दी उठती ताकी दादाजी ले सके चाय की चुसकी सुबह-सुबह जल्दी उठती ताकी दादाजी ले सके चाय की चुसकी
पढ़ाई का जब मन न हो, किताबें छोड़ देते थे, सवाल टीचर पूछ न ले, आखिरी सीट लेते थे पढ़ाई का जब मन न हो, किताबें छोड़ देते थे, सवाल टीचर पूछ न ले, आखिरी सीट लेते ...
उसके सपनों को एक नया मुकाम दे रहा हूं। उसके सपनों को एक नया मुकाम दे रहा हूं।
चाह कर भी कभी न तोड़ सके ऐसी बेड़ी हमारे पाँव में थी। चाह कर भी कभी न तोड़ सके ऐसी बेड़ी हमारे पाँव में थी।
हर दिल की धड़कन कुछ कहती है हर पल धड़कती है क्या खूब बनाया इस दिल को। हर दिल की धड़कन कुछ कहती है हर पल धड़कती है क्या खूब बनाया इस दिल को।